चुलबुली और फ़्लावर्स
क्या नाम था ?
चुलबुली , वो बहुत नाटी गर्ल थी ।
हां , वो सारा दिन मस्ती करती रहती ।
कैसे मस्ती करती ?
वो कभी खेली-खेली करती , कभी नोई-नोई करती , कभी ट्वायस तोड देती ।और पता है क्या करती ?
और क्या करती ?
वो जब स्कूल जाती तो स्कूल से फ़्लावर्स तोड लेती ।
जब उसकी मम्मी उसे पाक्र में ले जाती तो वहां भी फ़्लावर्स तोड लेती थी ।
फ़्लावर्स तोडना तो अच्छा नहीं होता न ?
हां फ़्लावर्स तो कभी नहीं तोडते ।
अच्छा पहले मेरे को बताओ फ़्लावर्स क्यों नहीं तोडते ?
फ़्लावर्स तो पौद्धे के साथ ही अच्छे लगते हैं न , जब उनको तोड लेते हैं तो वेस्ट हो जाते हैं , थोडी देर बाद उनसे खुशबू भी गायब हो जाती है और मुरझा भी जाते हैं , फ़िर वो उतने सुन्दर नहीं रहते न । इस लिए फ़्लावर्स कभी नहीं तोडने चाहिएं ।
मैं तो फ़्लावर्स कभी नहीं तोडूंगा ।
गुड ब्वाय । अच्छा बताओ तो फ़िर चुलबुली क्या करती थी ?
चुलबुली तो फ़्लावर्स तोडती थी । फ़िर पता है उसकी मम्मी नें क्या किया ?
क्या किया ?
फ़िर सारे बच्चे खेलने लगे ?
हां, सारे बच्चे खेली-खेली करने लगे , और फ़िर उन्होंनें ट्वायस वहीं फ़ैंक दिए और तोड भी दिए और भागी-भागी कर गए ।
हां , उसके सारे ट्वाय्स तोड दिए , तो चुलबुली रोने लगी होगी ना ।
हां चुलबुली रोने लगी तो मम्मी ने पता है क्या बोला ?क्या बोला ?
मम्मी नें बोला ;- देखो तुम्हारे ट्वायस बच्चों नें तोड दिए तो तुम्हें बुरा लगा न और तुम रोने लगी । जब तुम इतने सुन्दर-सुन्दर फ़्लावर्स तोडती हो तो फ़्लावर्स की मम्मी को भी तो बुरा लगता होगा न ।
फ़िर वो अच्छी बच्ची बन गई और मम्मी नें उसके सारे ट्वायस भी जोड दिए ।
कल मम्मी नें बताया कि हर साल २२ अप्रैल को विश्व धरा दिवस ( अर्थ डे ) होता है , हमें अपनी धरा को हमेशा साफ़-सुथरा रखना चाहिए । मम्मी कहती है जो धरती हमें हमेशा साथ देती है , हमें उसको सुन्दर बनाना चाहिए ।
टिप्पणियाँ
शीतल कर दे जलती काया.
***विश्व पृथ्वी दिवस पर खूब पौधे लगायें और धरती को सुन्दर व स्वच्छ बनायें***
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