एक बेबी रेबिट था । उसे एक चाक्लेट मिली । उसनें वह चाक्लेट अपनी मम्मी को दे दी । उसकी मम्मी बहुत हैपी हुई ।फ़िर मम्मी नें बेबी रेबिट से पूछा " तुम क्या लोगे " तो बेबी रेबिट नें कहा " मुझे कैरेट चाहिए "। पर मम्मी के पास तो कैरेट नहीं था ।वो कैसे देती ?
फ़िर...........
फ़िर मम्मी नें बेबी रेबिट को सोरी बोला और कहा - "तुम अभी खाना खाओ , कैरेट तुम्हें कल लाकर दूंगी "।
"फ़िर बेबी रेबिट तो रोने लगा होगा न .........?"
हां , वैरी गुड , ये तो बहुत अच्छी बात है "।
हां , और बेबी रेबिट नें खाना खा लिया ।जब वो खाना खा रहा था तो उसकी मम्मी कपडे आयरन करने लगी । फ़िर पता है बेबी रेबिट नें क्या किया ?
क्या किया ?
उसनें अपना पूरा खाना फ़िनिश कर दिया और किचन में जाकर प्लेट वाश करके रख दी और अपने हैण्ड भी वाश किए । उसकी मम्मी को पता भी नहीं चला । जब मम्मी नें देखा - टेबल पर तो खाने वाली प्लेट नहीं थी । फ़िर मम्मी नें बेबी रेबिट को पूछा -"आपनें खाने वाली प्लेट कहां रख दी तो बेबी रेबिट नें बताया " वो तो मैनें वाश करके किचन में रख दी "। उसकी मम्मी देखकर बहुत खुश हुई और बेबी रेबिट को बहुत सारी चिजी दी । बेबी रेबिट हैपी हो गया और खेलने लगा ।
8 टिप्पणियां:
sundar
कितनी अच्छी बातें बेबी रेबिट की......
बहुत सुन्दर कथा!
आपकी चर्चा बाल चर्चा मंच पर भी तो है!
http://mayankkhatima.uchcharan.com/2011/02/30-33.html
बहुत सुन्दर कथा|
बढाई करनी ही पडॆगी
bahut pyaari baatein aur kahaniyan hain ...aur likhana hum padhenge.
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