संदेश

अप्रैल, 2010 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

चुन्नू और मुन्नी

चित्र
एक ना दो बेबी थे , उनके नाम पता है क्या थे ? क्या थे ? चुन्नू और मुन्नी वो दोनों पता है क्या करते थे ? क्या करते थे ? वो दोनों दीवार पर लिखते थे ? इतनी गंदी बात करते थे ? हां .... फ़िर क्या हुआ ? फ़िर उनके पापा नें डांटा ....आगे से दीवार पर लिखोगे ? नहीं सोरी पापा हम आगे से दीवार पर नहीं लिखेंगे । तो फ़िर उन्होंनें दीवार पर लिखना छोड दिया ? नही.......... जब पापा आफ़िस चले जाते तो फ़िर से लिखना शुरु कर देते । दीवार पे लिखना गंदी बात होती है न ? हां दीवार पर नहीं लिखना चाहिए , कितना गंदा दिखता है न । हां इसलिए पापा उनको फ़िर से डांटते । देखो दीवार को कितना गंदा करते हो । छीं छीं कितने गंदे बच्चे हो तुम । सोरी पापा , वो फ़िर से सोरी बोलते । फ़िर पता है क्या हुआ ? क्या हुआ ? उनकी मम्मी नें दोनों को स्लेट लेकर दी और स्लेटी भी । हां , फ़िर .....? फ़िर वो दोनों स्लेट पे लिखने लगे , दीवार पे नहीं लिखते थे । फ़िर पता उनके पापा नें क्या किया ? क्या किया ? पापा नें दोनों को चाक्लेट लेकर दी और आईसक्रीम भी । वो दोनों खुश हो गए ।

एक कौआ

चित्र
नमस्कार , मुझे बहुत खुशी हुई ब्लागोत्सव-2010 में अपनी तीन कहानियां देखकर । आप भी पढें और बताना अवश्य कैसी लगीं ?                                        एक कौआ एक बार न एक कौआ था , वह फ़्लाई कर रहा था तो उसे बहुत प्यास लगी थी । पर उसके पास पानी नहीं था । फ़िर उसनें पता है क्या किया ? क्या किया ? वो अपने घर चला गया , और घर जाकर उसनें पता है क्या किया ? क्या किया ? उसनें नींबू पानी पिया । उसको फ़िर से प्यास लग गई । तो फ़िर उसनें क्या किया ? उसनें पता है फ़िर पानी में ग्लूकोज़ डाल कर पिया तो उसकी प्यास भागी-भागी कर गई । और कौआ फ़िर से फ़्लाई करने लगा । मैं एक महीने के लिए घूमने जा रहा हूं , आपसे मिलूंगा एक महीने बाद , सबको हैपी होलिडेज़...शुभम

चुलबुली और फ़्लावर्स

चित्र
एक छोटी सी गुडिया थी । उसका नाम पता है क्या था ? क्या नाम था ? चुलबुली , वो बहुत नाटी गर्ल थी । हां , वो सारा दिन मस्ती करती रहती । कैसे मस्ती करती ? वो कभी खेली-खेली करती , कभी नोई-नोई करती , कभी ट्वायस तोड देती । और पता है क्या करती ? और क्या करती ? वो जब स्कूल जाती तो स्कूल से फ़्लावर्स तोड लेती । जब उसकी मम्मी उसे पाक्र में ले जाती तो वहां भी फ़्लावर्स तोड लेती थी । फ़्लावर्स तोडना तो अच्छा नहीं होता न ? हां फ़्लावर्स तो कभी नहीं तोडते । अच्छा पहले मेरे को बताओ फ़्लावर्स क्यों नहीं तोडते ? फ़्लावर्स तो पौद्धे के साथ ही अच्छे लगते हैं न , जब उनको तोड लेते हैं तो वेस्ट हो जाते हैं , थोडी देर बाद उनसे खुशबू भी गायब हो जाती है और मुरझा भी जाते हैं , फ़िर वो उतने सुन्दर नहीं रहते न । इस लिए फ़्लावर्स कभी नहीं तोडने चाहिएं । मैं तो फ़्लावर्स कभी नहीं तोडूंगा । गुड ब्वाय । अच्छा बताओ तो फ़िर चुलबुली क्या करती थी ? चुलबुली तो फ़्लावर्स तोडती थी । फ़िर पता है उसकी मम्मी नें क्या किया ? क्या किया ? उसकी मम्मी ना सारे ट्वायस पार्क में साथ ले गई और सारे बच्चों को खेलने को दे दिए । फ़िर सारे बच्चे ख...

. सांप मछली और मगरमच्छ

चित्र
एक ना सांप था । वो पता है क्या करता था ? क्या करता था ? वह बहुत सारे एनीमल्स को खा जाता था । फ़िर पता है क्या हुआ ? क्या हुआ ? एक मछली आई , उसने सारे एनीमल्स को अपने घर में गुम कर दिया । उसने कैसे गुम कर दिया ? डार्क रूम में बंद करके । फ़िर वो किसी को नहीं दिख सकते थे न । हां , फ़िर सांप को तो नहीं पता चला होगा ? सांप वहां भी आ गया और फ़िर से एनीमल्स को खाने लगा । फ़िर मछली नोई-नोई करने लगी (रोने लगी ) । फ़िर क्या हुआ ? फ़िर उसके पास एक मगरमच्छ आया । उसने पता है क्या किया ? क्या किया ? उसने सांप को घर से भगा दिया और डोर बंद कर दिया । अब सांप एनीमल्स को नहीं खा सकता था । और वो सारे खेली-खेली करने लगे ।

कैट और रैट

चित्र
एक थी कैट और एक था रैट । दोनों फ़्रैण्ड थे । दोनों साथ-साथ रहते थे, घूमने जाते , खाना भी इक्कठा खाते। एक दिन वो दोनों घूमने गए तो अपना छाता और पानी साथ ले जाना भूल गए । उनको बहुत धूप लगी और प्यास भी लगी । फ़िर उन्होंने रास्ते में एक पौण्ड देखा जिसमें थोडा सा गंदा पानी था , दोनों नें वही पानी पी लिया और एक पेड के नीचे सो गए । थोडी देर बाद दोनों के पेट में दर्द होने लगा । फ़िर वो डाक्टर अंकल के पास गए । डाक्टर अंकल नें दोनों को इंजेक्शन लगाया तो ठीक हो गए । फ़िर डाक्टर अंकल नें बोला तुमनें गंदा पानी पिया था , इसलिए पेट में दर्द होने लगा । डाक्टर अंकल नें दोनों को डांटा "आगे से गंदा पानी पिओगे" । नहीं, नहीं हम गंदा पानी नहीं पिएंगे । सेअ सोरी हम आगे से अपनी पानी की बोतल साथ लेकर जाएंगे । सोरी डाक्टर अंकल , हम आगे से अपना पानी साथ लेकर जाएंगे । फ़िर वो दोनों घर आ गए । यह कहानी मैनें मम्मी के साथ मिलकर बनाई |

कैरेट की कहानी

चित्र
मैं शुभम-सचदेव सुनाने आ रहा हूं कहानियां - आप सुनेंगे क्या ? पता है मम्मी मुझे बहुत कहानियां सुनाती है और मुझे कहानियां सुनना बेहद पसंद है । मैं जिसकी भी कहानी कहता हूं मम्मी झट से सुना देती है ,अब तो मुझे भी कहानी बनाना आ गया है । मैं भी मम्मी को कहानियां सुनाने लगा हूं । तो सुनिए मेरी पहली कहानी , जो रात को ही मैने मम्मी को सुनाई । कैरेट की कहानी एक कैरेट थी । वो बहुत नटखट थी । उसके हाथ थे , मुंह था , आंखें थी , पर वह चल नहीं सकती थी । पता है वह क्यों नहीं चल सकती थी ? क्यों नहीं चल सकती थी ? क्योंकि वह सारा दिन शैतानी करती थी , सारे ट्वायस तोड देती थी , शोर करती थी , होमवर्क नहीं करती थी , बच्चों से फ़ाईट भी करती थी । फ़िर......? फ़िर उसकी मम्मी नें उसको मारा था तो उसको चोट लग गई थी ? मारना गंदी बात होती है न ? हां मारना तो बहुत गंदी बात होती है । पर इतनी शैतानी भी नहीं करते न । फ़िर मम्मी को कई बार गुस्सा आ जाता है न ? गुस्सा कभी नहीं करते ? सच्ची ... हां गुस्सा करने से बच्चों को कभी अच्छा नहीं लगता ।उनको डांट भी अच्छी नहीं लगती और झांपड भी अच्छा नहीं लगता । तो बच्चों को क्या अच्छा...