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चित्रकला प्रदर्शनी

चित्र
नमस्कार दोसतो , आज लगभग दो माह बाद मैं फ़िर से आया हूं आपके लिए लेकर एक नन्ही सी कविता । कल जब हम स्कूल जा रहे थे तो रास्ते में बारिश होने लगी तो मैनें मम्मी को एक कविता सुना दी , आप भी पढिए । हां मुझसे चिमटा-चिमटा का मतलब मत पूछिएगा , वो तो मुझे क्या मम्मी को भी नहीं पता । आपको पता हो तो मुझे जरूर बताईएगा । चिमटा-चिमटा बारिश होती मोटर गाडी चलती जाती मम्मी तो छाता ले लेती मुझको रेन कोट पहनाती चिमटा-चिमटा बारिश होती हमारे स्कूल में चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया । मम्मी के साथ मैनें भी कुछ चित्र / माडल बनाए । नन्हें-मुन्ने बच्चों की प्यारी-प्यारी कला-क्रितियां देखकर हमें बहुत मजा आया । आप भी देखिए उसकी कुछ झलकियां ।                                       आपका शुभम सचदेव