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जून, 2010 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

नट्खट कान्हा

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नट्खट कान्हा मुझे मम्मी नें नटखट कान्हा की बहुत अच्छी-अच्छी कहानियां सुनाईं , मुझे सुनकर बहुत मजा आया । आपको भी सुना रहा हूं । १. एक न बहुत नटखट बेबी था , उसका नाम था कान्हा । उसकी मम्मी उसे प्यार से कहती थी कनुआ । उसकी मम्मी उसे कनुआ क्यों कहती थी ? जैसे मैं आपको प्यार से कनु कहती हूं , वैसे कान्हा की मम्मी भी उसे प्यार से कनुआ कहती थी । कनुआ बहुत शरारती ब्वाय था । वो क्या करता था ? वो ऐसे ही शरारतें करता रहता था । एक बार पता है क्या हुआ ? क्या हुआ ....? कनुआ नें मिट्टी खा ली । मिट्टी तो गंदी चिज्जी होती है न । हां , पर कनुआ नें तो खा ली और उसकी मम्मी नें देख लिया । फ़िर उसकी मम्मी नें उसे डांटा ....? नहीं , उसकी मम्मी नें उसे एक ट्री के साथ बांध दिया । उसको रस्सी से बांध दिया था....? हां उसके हाथ रस्सी से बांध दिए थे । और फ़िर पता है क्या हुआ ? क्या हुआ ....? कनुआ को पीठ पे खुजली होने लगी । फ़िर उसनें क्या किया ? उसके हाथ तो रस्सी से बंधे हुए थे । वो अपनी पीठ को ट्री के साथ खुजाने लगा , तो ट्री टूट गया । ट्री क्यों टूट गया ? क्योंकि कनुआ स्ट्रांग ...

बेबी डागी का होम-वर्क

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. हेल्लो फ़्रैण्ड्स , कैसे हैं आप सब ? मेरे स्कूल में तो छुट्टियां चल रही हैं और मैने खूब मस्ती भी की है पूरा एक महीना । अब घूम-घाम कर वापिस आया तो मम्मी नें हाथ में नोट-बुक्स थमा दी , दो दिन से मेरा बिल्कुल भी काम में मन नहीं लगा और मैने काम न करने के खूब बहाने पे बहाने भी बनाए । मम्मी को कब तक टालता , उन्हें भी मेरी कमजोरी पता है न कि मुझे स्टोरी सुनना बेहद पसंद है , बस मम्मी नें मुझे स्टोरी न सुनाकर मेरे डागी को सुनाई जिसे मैनें चुपके से सुना और एक ही दिन में पूरा होम-वर्क फ़िनिश कर दिया । आपको भी सुनाऊं वो स्टोरी जो मम्मी नें डागी को सुनाई........ एक डागी था , उसका छोटा सा एक बेबी था । सब उसे बेबी डागी बोलते । उसकी मम्मी उसे बहुत प्यार करती । बेबी डागी भी मम्मी से बहुत प्यार करता । मम्मी की हर बात मानता पर छोटा सा गंदा बच्चा भी था , क्योंकि वह होम-वर्क नहीं करता था । उसकी मम्मी उसको बहुत सारी घुमी-घुमी करवा कर लाती , बहुत सारे ट्वायस लेकर देती लेकिन बेबी डागी को जब होम-वर्क के लिए बोलती तो कोई न कोई बहाने बनाने लगता । फ़िर उसकी मम्मी को बहुत गुस्सा आया और बेबी डागी से बोलना बंद ...

म्याऊं बिल्ली का एयरोप्लेन

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एक न पता है क्या था ? क्या था ? म्याऊं बिल्ली , उसकी एक गाडी भी थी बडी सी । म्याऊं बिल्ली तो गाडी के नीचे खडी रहती , और उसे चोट लग गई । फ़िर उसे तो बहुत पेन हुआ होगा न ? हां , उसे पेन हुआ और ठीक भी हो गया और थोडे दिन बाद उसे पता है क्या मिला ? क्या मिला ? एयरोप्लेन । एयरोप्लेन उसे किसने दिया ? प्लेन म्याऊं बिल्ली के मम्मी-पापा नें लेकर दिया था । तो वो फ़िर भी नोई-नोई करने लगी । वो फ़िर भी क्यों रोने लगी ? उसे तो बडे वाला एयरोप्लेन चाहिए था पर वह तो छोटा था तो म्याऊं बिल्ली जोर से रोने लगी , मैं किसी से बात नहीं करुंगी ? वो किसी से भी नहीं बोलती थी । तो फ़िर.......? तो फ़िर मम्मी-पापा नें पता है क्या किया ? क्या किया ? फ़िर उसको बडे वाला एयरोप्लेन लेकर दिया , और वो उसके साथ खेली-खेली करने लगी ।

रैबिट और कछुए की कहानी !!

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एक बार एक रैबिट नें एक कछुए को पता है क्या बोला ? क्या बोला ? रैबिट नें बोला :- देखो तुम कितने गंदे बच्चे हो , भागी-भागे नहीं कर सकते । फ़िर कछुए नें पता है क्या बोला ? क्या बोला ? कछुए नें बोला, तुम मेरे साथ रेस लगाकर देखो , मै तो तुमसे ज्यादा भागता हूं ? रैबिट नें बोला हां हम रेस लगाएंगे । तो कछुए नें पता है क्या किया ? क्या किया ? कछुए नें रैबिट को बोला, हम दोनों तो फ़्रैण्ड हैं और उसे एक चाक्लेट भी खाने को दी । रैबिट नें चाक्लेट खा ली । फ़िर दोनों भागी-भागी करने लगे । फ़िर पता है क्या हुआ ? क्या हुआ ? रैबिट को वोमेट होने लगी । क्यों रैबिट को वोमेट क्यों होने लगी ? कछुए नें जो चाक्लेट दी थी वो गंदी वाली थी न, इसी लिए । इस लिए गंदी चिज्जी नहीं खानी चाहिए न \हां गंदी चिज्जी भी नहीं खानी चाहिए और किसी से भी चिज्जी लेकर नहीं खानी चाहिए, न ही किसी से मांगनी चाहिए । हा, नहीं तो वोमेट हो जाती है । मैं तो किसी से चिज्जी नहीं लेता । मै तो अच्छा बच्चा हूं न , मुझे तो वोमेट नहीं होगा । हां आपको तो वोमेट नहीं होगा, पर फ़िर रैबिट नें क्या किया ? फ़िर रैबिट तो वोमेट ...

डागी डब्बू !!

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एक डागी था , उसका नाम था डब्बू । वह ना अपने घर जा रहा था , तो उसनें पता है क्या देखा ? क्या देखा ? डागी नें एक बनाना देखा । पता है बनाना कहां पडा था ? कहां पडा था ? गली में , और उसके ऊपर तो मोटो( मच्छर ) भी बैठे थे और डागी नें वो बनाना खा लिया । फ़िर पता है डागी के पेट में कीडे आ गए । क्यों डागी के पेट में कीडे क्यों आ गए ? उसनें गंदा बनाना खाया था न । छी -छी कितनी गंदी बात की न डागी नें ।गंदी चिज्जी खाना गंदी बात होती है न ? हां , गंदी चिज्जी खाना तो बहुत ही गंदी बात होती है । तुम कभी गंदी चिज्जी नहीं खाना । मैं तो अच्छा बच्चा हूं न गंदी चिज्जी कभी नहीं खाता । आप भी मत खाना । ओ .के. मैं भी कभी गंदी चिज्जी नहीं खाऊंगी । फ़िर डागी नें क्या किया ? फ़िर डागी नें मैडिसन ली । कौन सी मैडिसन ली ? जो आप नहीं मुझे देते हो कभी -कभी वार्म्स वाली मैडिसन । हां..... वही मैडिसन डागी नें भी ली , तो सारे कीडे भाग गए । फ़िर डागी की मम्मी नें उसको जोर से डांटा । कैसे ? आगे से गंदी चिज्जी खाओगे , सेअ सारी मैं आगे से गंदी चिज्जी नहीं खाऊंगा । तो डागी नोई-नोई करने ल...