सोमवार, 20 दिसंबर 2010

चित्रकला प्रदर्शनी

नमस्कार दोसतो ,




आज लगभग दो माह बाद मैं फ़िर से आया हूं आपके लिए लेकर एक नन्ही सी कविता । कल जब हम स्कूल जा रहे थे तो रास्ते में बारिश होने लगी तो मैनें मम्मी को एक कविता सुना दी , आप भी पढिए । हां मुझसे चिमटा-चिमटा का मतलब मत पूछिएगा , वो तो मुझे क्या मम्मी को भी नहीं पता । आपको पता हो तो मुझे जरूर बताईएगा ।

चिमटा-चिमटा बारिश होती

मोटर गाडी चलती जाती

मम्मी तो छाता ले लेती

मुझको रेन कोट पहनाती

चिमटा-चिमटा बारिश होती



हमारे स्कूल में चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया । मम्मी के साथ मैनें भी कुछ चित्र / माडल बनाए । नन्हें-मुन्ने बच्चों की प्यारी-प्यारी कला-क्रितियां देखकर हमें बहुत मजा आया । आप भी देखिए उसकी कुछ झलकियां ।



                                     

आपका
शुभम सचदेव