मैने पहले आपको कान्हा की एक कहानी सुनाई न । आज कनुआ की एक और कहानी सुनाऊंगा ।
२. नॊटी ब्वाय
फ़िर क्या करता था ?
वो बाहर हागी-भागी कर जाता था ।
तो फ़िर...............?
फ़िर वो बच्चों के साथ खेली-खेली करता था और जब भूख लगती तो अपने सारे फ़्रैण्ड्स के साथ चोरी से किसी के घर में घुस जाता ।
हां , तो फ़िर क्या करता ?
फ़िर वो चुपके से उनका दुधु पी जाता , कर्ड खा जाता , बटर खा जाता और नीचे भी गिरा देता था ।
किसी की चिज्जी खाना तो गन्दी बात होती है न ?
हां किसी की चिज्जी कभी नहीं खानी चाहिए , और नीचे भी नहीं गिरानी चाहिए ।
फ़िर कनुआ क्यों गिराता था ?
वो नाटी ब्वाय था न , इसीलिए ।
फ़िर पता है उसकी मम्मी को लोगों नें बताया ।
क्या बताया ?
यही कि कनुआ चोरी से माखन खाता है , दुधु पीता है , दही खाता है और सारा नीचे भी गिरा देता है ।
उसकी मम्मी ने उसको डार्क रूम में बंद कर दिया , उसको कुछ भी नहीं दिख सकता था और वो डरने लगा , नोई-नोई (रोना ) भी करने लगा ।
तो फ़िर उसकी मम्मी नें उसको बाहर नहीं निकाला ?
नहीं जब कनुआ नें मम्मी को सोरी बोला तो मम्मी नें उसको बाहर निकाल दिया और वो फ़िर से खेली खेली करने लगा ।
9 टिप्पणियां:
सार्थक अभिव्यक्ति।
bachcho ki bhasha me abhut sundar kahani...
sundar
कनुआ तो बहुत नॉटी निकला.. :)
mast..
बहुत सुन्दर पोस्ट!
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आपकी चर्चा तो यहाँ भी है!
http://charchamanch.blogspot.com/2010/07/203.html
कहानी कहने का अच्छा अंदाज़...
अल्ले अल्ले ये तो गलत बात है कनुआ को डार्क रूम में बंद कल दिया...एछे नहीं कलते छोटे बच्चों के छात बच्चे दल जाते हैं. गलत बात.
बहुत सुन्दर!
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इस पोस्ट की चर्चा एक बार फिर गई है!
http://mayankkhatima.blogspot.com/2010/07/4.html
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